सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र के पुनीत आदर्शों का अनुसरण करते हुए मुरादाबाद के हरिश्चन्द्र वंशीय समाज द्वारा स्थापित एवम् महानगर की पॉश कालोनी लाजपतनगर में स्थित महाराजा हरिश्चन्द्र महाविद्यालय, महानगर की सुविख्यात शिक्षण संस्था ही नहीं, अपितु राष्ट्रीय चिंतनधारा की उद्गम स्थली, सामाजिक कार्य ब्रत्तियों की कार्यशाला एवम् संस्कृतिक संसृष्टियों की मनमोहक संरचना भी है |
यह महाविद्यालय राष्ट्र के उत्थान एवम् समाज के अभ्युदय के लिये संकल्पबद्ध है | परमपिता से प्रार्थना है कि वह हमें सद्कार्यों पर सुगमतापूर्वक चल सकने की शक्ति प्रदान करता रहे |
सा प्रणाम पक्षो वयं यान्तः स्थुर्नो अरातमः :- ऋग्वेद
(हे परमेश्वर | हम सन्मार्ग को छोड़कर न चलें | अदान भाव हमारे अन्दर न ठहरे)
डॉ. वी. ए. जैमिनी
समन्वयक, पूर्व प्राचार्य एवं पूर्व प्रबंधक